Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

अंजू बॉबी जॉर्ज बोलीं- स्कूलों में खेल अनिवार्य करने की कोशिश, ताकि वहां से एथलेटिक्स को बढ़ावा दिया जा सके

पूर्व लॉन्ग जंपर अंजू बॉबी जॉर्ज भारतीय एथलेटिक्स फेडरेशन की पहली महिला उपाध्यक्ष हैं। उन्होंने 2003 वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। वे ऐसा करने वाली भारत की पहली खिलाड़ी बनी थीं। 43 साल की अंजू बॉबी जॉर्ज का कहना है कि लॉकडाउन के बाद टोक्यो ओलिंपिक की तैयारी शुरू हो चुकी है।

उससे पहले खिलाड़ियों को एक्सपोजर देने के लिए ट्रेनिंग कम कॉम्पिटीशन में भेजने की योजना तैयार की जा रही है। ताकि खिलाड़ी लय हासिल कर सकें। उन्होंने यह भी कहा कि खेल मंत्रालय और फेडरेशन स्कूल लेवल पर एथलेटिक्स को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं। भविष्य की योजनाओं और ओलिंपिक की तैयारी को लेकर उनसे बातचीत के प्रमुख अंश...
टोक्यो ओलिंपिक की तैयारियों को लेकर क्या योजना है?
लॉकडाउन के बाद सीनियर खिलाड़ियों की ट्रेनिंग शुरू हो चुकी है। जूनियर खिलाड़ियों को भी बुलाया जा रहा है। कुछ माह से ट्रेनिंग से दूर रहना खिलाड़ियों के लिए बुरे सपने की तरह था। लेकिन अब सभी खिलाड़ी तैयारी शुरू कर चुके हैं। हमने ओलिंपिक से पहले एथलीटों को एक्सपोजर देने के लिए कॉम्पिटीशन कम ट्रेनिंग की योजना बनाई है।
आपके बाद वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में कोई भारतीय मेडल नहीं जीत सका, ऐसा क्यों? क्या प्रतिभा की कमी है?
वर्ल्ड चैंपियनशिप में 240 से ज्यादा देश हिस्सा लेते हैं। वहां कॉम्पिटीशन बहुत कठिन होता है। भारत में प्रतिभाओं की कमी नहीं हैं। हमारे एथलीट मेहनत कर रहे हैं। लेकिन वे मेडल से कुछ कदम दूर हैं। उनके आने वाले कुछ साल में पोडियम तक पहुंचने की उम्मीद है।
भारतीय ग्रामीण प्रतिभाओं को खोजने और तराशने की क्या योजना है?
ग्रामीण प्रतिभाओं को खोजने के लिए फेडरेशन से नेशनल इंटर डिस्ट्रिक्ट प्रतियोगिता कराई जा रही है। वहीं खेलो इंडिया गेम्स भी हो रहे हैं। साई और फेडरेशन खेलो इंडिया की अलग-अलग आयु वर्ग में टैलेंट सर्च प्रतियोगिता कराई जा रही है। वहां से प्रतिभाओं को खोज कर विभिन्न एकेडमी में ट्रेनिंग दे रहे हैं।
स्कूल लेवल पर एथलेटिक्स को बढ़ावा देने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे है?
स्कूलों में सिलेबस काफी कठिन है। ऐसे में स्टूडेंट्स के लिए खेल की ओर फोकस करना मुश्किल है। मंत्रालय सिलेबस को आसान बना रही है, ताकि बच्चे खेलों में भी रुचि लें सकें। वहीं, शिक्षा मंत्रालय खेलों को भी पढ़ाई के साथ अनिवार्य करने जा रही है। ताकि स्कूलों में पढ़ाई के साथ खेलों पर भी फोकस किया जा सके।
गर्ल्स एथलीट को प्रेरित करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे है?
गर्ल्स एथलीट पुरुषों से बेहतर कर रही है। कोशिश कर रहे हैं कि वे और आगे आएं। इसके लिए कोच-फेडरेशन के लोग पैरेंट्स को प्रेरित कर रहे हैं। वहीं, ग्रास रूट पर खेलों को बढ़ाने के लिए साई डिस्ट्रिक्ट लेवल पर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप कर रहा है। लेकिन सबसे बड़ी समस्या बेहतर कोचिंग की है। इसके लिए लेवल 1 और लेवल-2 के कोर्स शुरू किए हैं।
ऐज फ्रॉड पर क्या कदम उठा रहे हैं?
फेडरेशन नए एथलीटों को स्टेट-नेशनल स्तर पर नंबर दे रहा है। ऐसे में वह उस नंबर को बताकर हर प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं। एक बार रजिस्टर्ड हो जाने के बाद अगर एथलीट बाद में उम्र के साथ छेड़छाड़ करेंगे, तो वह पकड़े जाएंगे। खेलो इंडिया में भी एथलीट की ऐज वेरिफाई करने के लिए शारीरिक जांच करा रहे हैं। इसका रिकॉर्ड भी रख रहे हैं। ताकि भविष्य में गड़बड़ी का पता चल सके।

पूर्व एथलीटों के अनुभव का फायदा वर्तमान एथलीटों को मिले, इसके लिए क्या किया जा रहा है?
इंटरनेशनल एथलीटों को साई सेंटर्स पर बतौर कोच और एक्सपर्ट नियुक्त कर रहे हैं। वहीं, फेडरेशन भी पूर्व एथलीटों को जूनियर और सीनियर एथलीटों के कैंप में बुला रही है। ताकि उनके अनुभव का लाभ युवा एथलीटों को मिल सके। हमारी कोशिश है कि पूर्व एथलीट किसी न किसी रूप में सपोर्ट करें।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
पूर्व लॉन्ग जंपर अंजू बॉबी जॉर्ज भारतीय एथलेटिक्स फेडरेशन की पहली महिला उपाध्यक्ष हैं ।

https://ift.tt/35bnlaJ by दैनिक भास्कर,,1733 via Dainik Bhaskar By :Buy all Brands Teniss Accessories Gawin Sports At Ver Cheap Rates

Post a Comment

0 Comments