क्रिकेट साउथ अफ्रीका के डायरेक्टर ग्रीम स्मिथ के बाद श्रीलंका के पूर्व कप्तान कुमार संगकारा ने भी सौरव गांगुली को इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल का अगला चेयरमैन बनाने का समर्थन किया है। संगकारा ने गांगुली की तारीफ करते हुए कहा कि उनमें क्रिकेट की गहरी समझ है और वे इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए सबसे सही व्यक्ति हैं। उन्होंने इंडिया टुडे से बातचीत में यह कहा।
संगकारा ने आगे कहा कि बीसीसीआई अध्यक्ष इंटरनेशनल क्रिकेट को आगे ले जाने के लिए सबसे सही व्यक्ति हैं, क्योंकि वे खेल को समझते हैं। पूर्व श्रीलंकाई कप्तान ने आगे कहा कि वे गांगुली के बड़े फैन हैं और उनका मानना है कि बीसीसीआई अध्यक्ष हमेशा खेल की बेहतरी चाहते हैं।
गांगुली क्रिकेट में बदलाव ला सकते हैं: संगकारा
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि सौरव निश्चित तौर पर क्रिकेट में बदलाव ला सकते हैं। मैं दादा का बड़ा फैन हूं, केवल एक क्रिकेटर के तौर पर उनके कद के कारण नहीं, बल्कि मुझे लगता है कि उनके पास बेहतर क्रिकेटिंग ब्रेन है। उनके दिल में खेल का हित सबसे ऊपर है और यह सोच नहीं बदलेगी। फिर चाहें बीसीसीआई या ईसीबी या एसएलसी या किसी अन्य बोर्ड के अध्यक्ष होने के बाद आप आईसीसी के चेयरमैन पद की जिम्मेदारी संभालते हैं।
शशांक मनोहर ने आईसीसी चेयरमैन पद छोड़ा
शशांक मनोहर ने हाल ही में आईसीसी चेयरमैन के रूप में दो कार्यकाल के बाद अपना पद छोड़ा है। इसके बाद से ही गांगुली का नाम इस पद के लिए चर्चा में आया है। हालांकि, उन्होंने ने अब तक यह जिम्मेदारी संभालने के बारे में कोई फैसला नहीं लिया है। अगर वह आईसीसी चेयरमैन बनने की दौड़ में शामिल होते हैं, तो उनका जीतना आसान है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर गांगुली का भविष्य टिका
उनकी उम्मीदवारी इस बात पर भी निर्भर करेगी कि सुप्रीम कोर्ट लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों के तहत कूलिंग ऑफ नॉर्म्स में रियायत देगा और लगातार दो कार्यकाल के बाद भी गांगुली को बीसीसीआई अध्यक्ष बने रहने की मंजूरी देगा।
3 साल का है कूलिंग ऑफ पीरियड
प्रशासकों की समिति (सीओए) ने नियम बनाया था कि कोई भी व्यक्ति राज्य क्रिकेट संघ या बीसीसीआई में लगातार 6 साल किसी भी पद पर बना रहता है, तो उसे 3 साल के कूलिंग ऑफ पीरियड में जाना होगा। इसे सुप्रीम कोर्ट ने भी मंजूरी दी थी।
गांगुली का बोर्ड अध्यक्ष के तौर पर कार्यकाल इसी महीने खत्म हो रहा
गांगुली बंगाल क्रिकेट बोर्ड (सीएबी) के 5 साल 3 महीने तक अध्यक्ष रह चुके हैं। इस लिहाज से उनके पास बीसीसीआई अध्यक्ष के तौर पर 9 महीने का कार्यकाल ही बचा था। पिछले साल अक्टूबर में बीसीसीआई अध्यक्ष बनने वाले गांगुली का कार्यकाल इसी महीने खत्म हो रहा है, जबकि जय शाह भी गुजरात क्रिकेट संघ में सचिव रहने के बाद बीसीसीआई सेक्रेटरी बने हैं, उनका कार्यकाल जून में ही खत्म हो चुका है।
नियमों के तहत दोनों को तीन साल के अनिवार्य ब्रेक (कूलिंग ऑफ पीरियड) पर जाना होगा। अगर सुप्रीम कोर्ट नियमों में ढील की मंजूरी देता है, तो यह पद पर बने रह सकते हैं।
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