खेल डेस्क. टी-20 सीरीज हारने के बाद न्यूजीलैंड ने वनडे सीरीज जीती। इसका उन्हें टेस्ट सीरीज के पहले फायदा मिलेगा। किसी भी खेल में लय महत्वपूर्ण होती है और भारतीय टीम ने इसे खो दिया है। या यू कहें तो न्यूजीलैंड की टीम फिर से मजबूती के साथ तैयार हो गई है। न्यूजीलैंड-11 के खिलाफ अभ्यास मैच ने दिखा दिया कि टेस्ट सीरीज कितनी कठिन होने वाली है। न्यूजीलैंड की सीम और बाउंस वाली पिच पर हमारे बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर सके। भारत ने पहली पारी में 263 रन बनाए। लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि कोहली बल्लेबाजी करने नहीं उतरे थे। इस लिहाज से इसे अच्छा स्कोर माना जा सकता है। इसके बाद हमने बढ़त हासिल की। इसका पूरा श्रेय तेज गेंदबाजों को जाता है। इन दो कठिन दिनों के बाद भारत को अगले हफ्ते से दो टेस्ट खेलने हैं। अभ्यास मैच में न्यूजीलैंड के प्रमुख खिलाड़ी विलियम्सन, टेलर, लाथम, वाटलिंग, साउदी और खासकर बोल्ट, वेगनर नहीं उतरे।
कोहली की सबसे बड़ी चिंता प्लेइंग-11 को लेकर है। रोहित चोटिल हैं। दूसरे ओपनर मयंक अग्रवाल लय हासिल करने में जुटे हैं। पृथ्वी शॉ और शुभमन गिल 15 सदस्यीय टीम में हैं। दोनों के बीच अच्छी लड़ाई है। इन्हें सुलझा पाना आसान नहीं है। शॉ और गिल दोनों पहली पारी में असफल रहे। मयंक ने एक रन बनाए। उनका यहां इंडिया ए टीम से खराब प्रदर्शन अब तक जारी है। इसने मैनेजमेंट की चिंता बढ़ा दी है। क्योंकि गेंदबाजों की पिच पर ओपनिंग आसान नहीं होगी।
शॉ या गिल के साथ ओपनिंग आ सकते हैं विहारी
पुजारा और हनुमा विहारी शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। विहारी के संघर्षपूर्ण शतक ने मैनेजमेंट को बतौर ओपनर एक अच्छा विकल्प दे दिया है। वे पहले भी ओपनिंग कर चुके हैं, विहारी को शॉ या गिल के साथ बतौर ओपनर भेजने का भी जोखिम लिया जा सकता है। विहारी नंबर-1 या नंबर-2 पर उतरते हैं और गिल बाहर रहते हैं तो पंत को मिडिल ऑर्डर में मौका मिल सकता है।
एक स्पेशलिस्ट गेंदबाजचुनना अहम चुनौती
गेंदबाजों का चुनाव करना कम मुश्किल है। आर अश्विन और जडेजा में से एक स्पेशलिस्ट चुनना कोहली और शास्त्री के लिए अहम रहेगा। तीन तेज गेंदबाजों का खेलना तय है। विदेशी पिच पर जडेजा का प्रदर्शन अश्विन से थोड़ा अच्छा रहा है। लेकिन यह कंडीशन पर निर्भर करेगा। टीम के लिए खुश होने वाली बात यह है कि बुमराह ने अभ्यास मैच में दो टॉप ऑर्डर के बल्लेबाजों को आउट किया। शमी भी फॉर्म में दिखे। तीसरे तेज गेंदबाज के तौर पर उमेश यादव, नवदीप सैनी या इशांत को मौका मिल सकता है।
हर टेस्ट जीतने पर 60 पॉइंट मिलेंगे। टीम इंडिया की एक और जीत वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल की राह पक्का कर देगी। हालांकि भारत के लिए यह दौरा पॉइंट के लिहाज से ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है। टीम को दिखाना होगा कि वे दुनिया की नंबर-1 टीम हैं। प्रदर्शन के लिहाज से अगर ऐसा हुआ तो पॉइंट खुद ही मिल जाएंगे।
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