खेल डेस्क.भारतीय महिला हॉकी टीम ने टोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई कर लिया है। यह पहला मौका होगा जब लगातार दो बार टीम ओलिंपिक में खेलेगी। इससे पहले 2016 में रियो ओलिंपिक में खेली थी और 12वें स्थान पर रही थी। तब 1980 के बाद महिला टीम ने ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई किया था। 1980 के मॉस्को ओलिंपिक में चौथा स्थान प्राप्त हुआ था। 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में वह चौथे और वर्ल्ड कप में आठवें स्थान पर रही।
टीम एशियन गेम्स (2018) में दूसरे, एशिया कप (2017) में पहले और एशियन चैम्पियंस ट्रॉफी (2018) में दूसरे स्थान पर रही। टीम के प्रदर्शन में लगातार सुधार हो रहा है और उससे दुनिया के सबसे बड़े खेल इवेंट में पदक की उम्मीदें हैं। ओलिंपिक की तैयारियों को जानने के लिए दैनिक भास्कर ने कप्तान रानी रामपाल से बातचीत की।
1. ओलिंपिक में पहुंचने वाली सभी टीमें मजबूत होती है, कप्तान के रूप में आप किस देश को अपना प्रतिद्वंदी मानती हैं?
‘ओलिंपिक में इंडिया हॉकी टीम का मुख्य प्रतिद्वंदी इंडिया टीम ही है। अगर हम अच्छा खेलेंगे तो हम किसी भी टीम से जीत सकते हैं। अगर हम ही अच्छा नहीं खेलेंगे तो हमारा चैलेंज खुद से ही होगा। किसी भी देश का नाम मायने नहीं रखता है। आप उस दिन कैसा खेलते हैं वह महत्व रखता है। अगर हम बेहतर खेलते हैं और एक टीम के रूप में खेलते हैं, तो किसी भी देश को हराने की क्षमता रखते हैं। किसी देश की रैकिंग से डरने की जरूरत नहीं है। बल्कि उस दिन उस टीम से बेहतर खेलना ज्यादा जरूरी है।’
2. ओलिंपिक क्वालिफाई करने के बाद महिला टीम से लोगों की उम्मीदें ज्यादा बढ़ गईं है? क्या ओलिंपिक को लेकर टीम के खिलाड़ियों पर दबाव होगा?
‘सबसे बड़ा दबाव होता है कि आप ओलिंपिक में जाएंगे या नहीं, लेकिन हम लोग क्वालिफाई कर चुके हैं। यह अच्छी बात है कि लोगों को महिला हॉकी टीम से उम्मीदें बढ़ी हैं, हम इससे खुश हैं। मुझे उम्मीद है कि टीम के खिलाड़ी सबकी उम्मीदों पर खड़े उतरेंगे। मुझे विश्वास है कि सभी ओलिंपिक में अपना बेस्ट देंगी।’
3. फिटनेस को रखते हुए डाइट प्लान में क्या परिवर्तन किया गया है? टीम के खिलाड़ी किस चीज से परहेज कर रहे हैं?
‘हॉकी के लिए फिटनेस जरूरी है। ऐसे में डाइट का महत्व बढ़ जाता है। क्योंकि रोज पूरी क्षमता के साथ प्रैक्टिस करना हाेता है। साथ ही मैच में पूरी क्षमता के साथ ग्राउंड में उतरना होता है। ऐसे में हेल्दी फूड खाना ज्यादा महत्व रखता है। डाइटिशियन उस हिसाब से खाने की मेन्यू में चेंज करते रहते हैं। हमें मीठा और जंक फूड खाने से मना किया गया है। साथ ही फैट बढ़ाने वाली चीजों से दूर रहने को भी कहा जाता है।’
4. खिलाड़ियों का फिटनेस अभी कैसा है, आप खिलाड़ियों के फिटनेस को लेकर संतुष्ट हैं?
‘वर्तमान में खिलाड़ियों का फिटनेस लेवल ठीक है। पिछले कुछ सालों से फिटनेस पर फोकस किया जा रहा है। फिटनेस को लेकर साइंटिफिक एडवाइजर वेन पैट्रिक लोम्बार्ड योजना तैयार करते हैं। वह टीम के साथ बेहतर काम कर रहे हैं। वह टूर्नामेंट के पहले क्या करना चाहिए, मैच न होने पर क्या करना चाहिए, मैच नजदीक आने पर क्या करना चाहिए। इन सभी चीजों को लेकर प्लान तैयार करते हैं। इसका टीम को फायदा पहुंचा है।’
5. हॉकी में फिटनेस और तकनीक के साथ ही खिलाड़ियों की मानसिक स्थिति भी ग्राउंड पर महत्व रखता है, इसे लेकर क्या किया जा रहा है?
‘जी बिल्कुल अब फिटनेस और तकनीक के साथ ही आपका माइंड भी आपके खेल पर प्रभाव डालता है। आप मैदान में विभिन्न परिस्थितियों में अपने को ग्राउंड में किस तरह रख पाते हैं, आप क्या सोचते हैं। इसका प्रभाव कहीं न कहीं आपके प्रदर्शन पर पड़ता है। इसलिए कैंप के दौरान साइकोलॉजिक सेशन होता है। जिसमें दबाव से कैसे निपटना है, आपको कैसे अपने को कूल रखना है। इन सबके बारे में बताया जाता है। चूंकि ओलिंपिक गेम्स में हर मैच आपका महत्वपूर्ण होता है। ऐेस में इस पर ज्यादा फोकस करना होगा।’
6. ओलिंपिक के दौरान जापान में काफी गर्मी होगी, क्या इसको लेकर चिंतित है, क्या टीम के प्रदर्शन पर इसका प्रभाव पड़ेगा?
‘जिस समय टोक्यो में ओलिंपिक है, उस दौरान जापान में गर्मी पड़ेगी। इसको लेकर ज्यादा चिंता करने की जरूरत है, क्योंकि इंडिया में भी काफी गर्मी पड़ती है। भारतीय प्लेयर इसे जानते हैं। मार्च के बाद यहां भी गर्मी शुरू हो जाती है। टोक्यो में हम खेल चुके हैं।’
7. टोक्यो से पहले टीम को एक्सपोजर देने के लिए टीम मैनेजमेंट की क्या प्लान है?
‘टोक्यो से पहले टीम मैनेजमेंट ने टीम को एक्सपोजर देने के लिए कई देशों का टूर प्लान किया है, जिसमें न्यूजीलैंड के लिए टीम इसी महीने जाएगी। वहीं, उसके बाद स्पेन का टूर हैं। एशियन चैम्पियनशिप है, जो कोरिया में होना है। टीम को वहां भी जाना है। टीम मैनेजमेंट व हॉकी इंडिया इसको लेकर प्लान तैयार कर रहे हैं।’
8. टीम कॉम्बिनेशन कैसा है, फॉरवर्ड में आपके अलावा टीम का दारोमदार किस पर होगा?
‘वर्तमान टीम युवा और अनुभवी खिलाड़ियों का मिश्रण है। टीम में शामिल हर खिलाड़ी टीम की जरूरत के हिसाब से खेलने की क्षमता रखती हैं। इस समय में टीम में वैराइटी है। जरूरत के हिसाब से मैच दर मैच उनका इस्तेमाल किया जाएगा। टीम किसी एक खिलाड़ी पर निर्भर नहीं है। जीतने के लिए टीम के प्रत्येक खिलाड़ी को ही योगदान करना होगा। केवल किसी एक खिलाड़ी के प्रदर्शन के बल पर जीत पाना संभव नहीं है।’
9. डिफेंडर सुनीता ने संन्यास ले लिया है, क्या टीम को नुकसान होगा?
‘डिफेंडर सुनीता 10 साल से इंडिया के लिए खेल रही हैं। इंजरी के कारण उन्हें संन्यास लेना पड़ रहा है। दर्द के साथ खेल पाना संभव नहीं है। सुनीता का भी टीम में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। किसी भी खिलाड़ी के कमी को पूरा कर पाना दूसरे खिलाड़ी के लिए संभव नहीं होता है। लेकिन यह एक प्रक्रिया है। जो हर खिलाड़ी और टीम को गुजरना पड़ता है।’
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